जब से बाल मनोविज्ञान के विकास ने यह सिद्ध कर दिया है कि शिक्षा केंद्र न तो विषय है न अध्यापक वरन् छात्र है तब से शिक्षण में सक्रियता को अधिक महत्व दिया जाने लगा है। करके सीखना अर्थात् स्वानुभव द्वारा ज्ञान प्राप्त करना आजकल का सर्वाधिक व्यापक शिक्षणसिद्धांत है। अत: रूसों से लेकर मांटेसरी और ड्यूबी तक शिक्षाशास्त्रियों ने बच्चों की ज्ञानेंद्रियों को अधिक कार्यशील बनाने तथा उनके द्वारा शिक्षा देने पर अधिक बल दिया है। महात्मा गांधी ने भी इसी सिद्धांत के आधार पर बेसिक शिक्षा को जन्म दिया। अत: सक्रिय विधि के अंतर्गत अनेक विधियाँ सम्मिलित की जा सकती हैं जैसे- शोधविधि योजना विधि, डाल्टन प्रणाली, बेसिक-शिक्षा-विधि, इत्यादि।.
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